Delhi University: 3-4 महीनों में तैयार हो जाएगा नया UG करिकुलम, अधिकारी ने दी जानकारी
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नयी दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अपने विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों के लिये नया पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है और इस प्रक्रिया में तीन से चार महीने और लगेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार तैयार स्नातक पाठ्क्रम रूपरेखा (यूजीसीएफ) को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने 11 फरवरी को मंजूरी दी थी। एक अधिकारी ने कहा, "अब हम पाठ्यक्रम तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। काम अभी शुरू हुआ है। हम पाठ्यक्रम की विषयवस्तु पर जनता की राय लेंगे। इस प्रक्रिया में तीन से चार महीने और लगेंगे।'' में एनईपी की दो विशेषताएं शामिल हैं - बहु-विषयक दृष्टिकोण और मल्टीपल एंट्री और एग्जिट प्रोग्राम (MEES) शामिल है। MEES के तहत, छात्र एक शैक्षणिक वर्ष के अंत में डिग्री के साथ बाहर निकल सकते हैं। मसौदे के अनुसार, छात्र अपनी स्नातक डिग्री के चौथे वर्ष के अंत में कुल 176 क्रेडिट अर्जित करने के योग्य होंगे। उन्हें उस विषय में मेजर के साथ डिग्री प्राप्त करने के लिए किसी विषय में न्यूनतम 50 प्रतिशत क्रेडिट अर्जित करने की आवश्यकता होती है। अधिकारी ने कहा कि पाठ्यक्रमों का मसौदा उसी के अनुसार तैयार किया जाएगा। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) के जरिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स का नया बैच रिवाइज्ड कोर्सेज का अध्ययन करेगा। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए विश्वविद्यालय को लगभग चार साल का समय मिलेगा। अधिकारी ने कहा, ''स्नातक पाठ्यक्रम का काम पूरा होने के बाद विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम तैयार करने पर काम शुरू करेगा। इसका मतलब यह नहीं है कि हम इसे टाल रहे हैं। यह सिर्फ इतना है कि छात्रों का पहला बैच चार साल के बाद एक साल की मास्टर्स डिग्री के लिए पात्र हो जाएगा, जिससे हमें स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम पर काम करने का समय मिल सके।'' शिक्षकों के एक वर्ग ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा एनईपी के कार्यान्वयन का विरोध करते हुए कहा है कि इससे कई समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें शिक्षकों के लिए काम के घंटे का नुकसान और बाद में नौकरी का नुकसान शामिल है। (इनपुट- PTI)
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