जानिए कैसी थी जीनियस आइंस्टीन की टैगोर और बोस से मुलाकात

Education News: एजुकेशन न्यूज, Latest Exam Notifications, Admit Cards and Results, Job Notification, Sarkari Exams, सरकारी जॉब्स, सरकारी रिजल्ट्स, Career Advice and Guidance, करियर खबरें `- Navbharat Times
एजुकेशन न्यूज: Latest Education News and Updates, Career Help And Advice, Careers News, Careers Guide And Skills Improvement and More at Navbharat Times 
जानिए कैसी थी जीनियस आइंस्टीन की टैगोर और बोस से मुलाकात
Feb 22nd 2022, 13:40

आइंस्टाइन की प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया मानती है। वो अपने शानदार आविष्कारों और सिद्धांतों से दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने में हमेशा कामयाब रहे लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि अलबर्ट आइंस्टान जिनका लोहा पूरी दुनिया मानती है वे कई भारतीयों जैसे सत्येंद्र नाथ बोस और रवींद्र नाथ टैगोर से भी मिले हैं जो अपने क्षेत्र में हमेशा एक बेहतर उदाहरण साबित हुए हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से ये जानेंगे कि क्यों खास थी सत्येंद्र नाथ बोस और रवींद्र नाथ टैगोर की आइंस्टाइन से मुलाकात। लेकिन उससे पहले जानते हैं अल्बर्ट आइंस्टाइन के विषय में। अल्बर्ट आइंस्टाइन आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी में हुआ था। नोबेल पुरस्कार विजेता आइंस्टीन 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली भौतिक विज्ञानी थे। अल्बर्ट आइंस्टीन के यूं तो सभी सिद्धांत बेहतरीन हैं लिकिन Mass-Energy Relation,Quantum Theory of Light, Special theory of Relativity, General Theory of Relativity और Bose-Einstein Condensate जैसे सिद्धांत सबसे अधिक मायने रखते हैं। बोस और आइंस्टीन मुलाकात Bose-Einstein Condensate अल्बर्ट आइंस्टीन और सत्येंद्र नाथ बोस के बीच संबंधों को दर्शाने के लिए काफी है। सत्येंद्र नाथ बोस इंडियन पियर्ल ऑफ साइंस कहे जाते हैं। उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय में रहते हुए quantum radiation law का सिद्धांत दिया। उन्होंने उसी पर एक पेपर लिखा और जर्मनी में अल्बर्ट आइंस्टीन को भेजा और आइंस्टीन ने बिना वक्त गवाएं उनके महत्व को पहचान लिया। आइंस्टीन ने इसका जर्मन में अनुवाद किया और इसे बोस की ओर से प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका Zeitschrift für Physik को प्रस्तुत किया। आइंस्टीन और अन्य भारतीय केवल बोस ही ऐसे वैज्ञानिक नहीं थे जिनके साथ आइंस्टीन ने बातचीत की थी। उन्होंने उपनिवेशवाद, भारत में औद्योगीकरण, अहिंसा, सत्याग्रह आदि जैसे मुद्दों पर गांधी और नेहरू जैसी शक्तिशाली भारतीय हस्तियों के साथ अक्सर पोस्टकार्ड का आदान-प्रदान किया था। जीनियस आइंस्टीन ने रवींद्र नाथ टैगोर के साथ भी एक शानदार संवाद किया, जिसे इतिहास में बौद्धिक रूप से की जानी वीली चर्चा में से एक के रूप में वर्णित किया गया है। उन्होंने अपने साथी नोबेल पुरस्कार विजेताओं को रब्बी (शिक्षक के लिए हिब्रू) के रूप में भी संबोधित किया था।

You are receiving this email because you subscribed to this feed at blogtrottr.com.

If you no longer wish to receive these emails, you can unsubscribe from this feed, or manage all your subscriptions.
Previous Post Next Post

Contact Form